सारी दुनिया हमारे छोटे से यंत्रों में सिमट कर रह गयी , ज्ञान गंगा की धारा इसमें सद सारी दुनिया हमारे छोटे से यंत्रों में सिमट कर रह गयी , ज्ञान गंगा की...
सतर्क रहें ऐसे दुष्टों से, न मिले कभी स्वप्न में भी। सतर्क रहें ऐसे दुष्टों से, न मिले कभी स्वप्न में भी।
चलन से बाहर चलन से बाहर
न दूसरों की न अपनी बस एक ही बात सुनती। न दूसरों की न अपनी बस एक ही बात सुनती।
सुझती नहीं उसको भावनाएँ , सुझती नहीं तेरी चिन्ताआएँ। सुझती नहीं उसको भावनाएँ , सुझती नहीं तेरी चिन्ताआएँ।
पथ से पृथक चलन देखा है। जल से जलते मन देखा है। पथ से पृथक चलन देखा है। जल से जलते मन देखा है।